सलामी दें तिरंगे को हमें ये जान से प्यारा
सलामी दें तिरंगे को हमें ये जान से प्यारा
जमीं इसकी गगन इसका सभी आँखों का है तारा
नहीं हिम्मत किसी की है उठाकर आँख जो देखे
चटा दें धूल पल में हम कोई दुश्मन जो ललकारा
आर.एस. ‘प्रीतम’
सलामी दें तिरंगे को हमें ये जान से प्यारा
जमीं इसकी गगन इसका सभी आँखों का है तारा
नहीं हिम्मत किसी की है उठाकर आँख जो देखे
चटा दें धूल पल में हम कोई दुश्मन जो ललकारा
आर.एस. ‘प्रीतम’