सर्वोपरि ज्ञान
आज हर इंसान अपने आप को ज्ञान वान मानता है! ज्ञान के अलग, अलग क्षेत्र होते हैं। कोई किसी ज्ञान में महारत हासिल कर ली है। और किसी ज्ञान में महारत हासिल करना चाहते हैं। ज्ञान कोई भी बुरा नहीं होता है। चाहें वह ढोलक बजाने में मास्टर है। कोई तंत्र विद्या में निपुण हो गया है। ज्ञान कोई भी व्यक्ति हासिल कर सकता है। लेकिन हमारा कौन सा ज्ञान सर्वोपरि माना गया है। ऐसा ज्ञान जो सबका कल्याण करने में सक्षम हो। और मनुष्य को हमेशा अपने जीवन में किसी का अनहित न होने दें। मनुष्य का स्वभाव हमेशा सम्भाव होना चाहिए। और वह ज्ञान हासिल करें जो मनुष्य को मानवता की ओर ले जाये। ज्ञान मनुष्य की वह शक्ति है, जो समस्त बधाओ को पार कर सच्चे मनुष्य का निर्माण करें।
आज का मनुष्य ज्ञान को हासिल कर मानव को अंहकारी बना देता है।
और अपने धर्म को भूल जाता है।