Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Jul 2023 · 1 min read

*सर्वोत्तम शाकाहार है (गीत)*

सर्वोत्तम शाकाहार है (गीत)
_________________________
छोड़ो पशु-हिंसा-भोजन, सर्वोत्तम शाकाहार है
(1)
पशुओं को क्यों मार-मार, भोजन को रहे पकाते
जो जैसे पशु को खाते, वैसे ही गुण आ जाते
पशुओं में भी प्राणों का,सोचो होता संचार है
(2)
तड़प-तड़प कर बेचारे, पशु अपनी जान गॅंवाते
जिन में दया नहीं होती, वह इन पर छुरी चलाते
बहरे कानों में केवल, बस आती नहीं पुकार है
(3)
यह जिह्वा का स्वाद अरे, जिस कारण पशु को मारा
सिर्फ स्वाद के लिए मनुज, क्यों कहो बना हत्यारा
थाली सजी मांस की जो,यह कलुषित एक विचार है
(4)
सोचो अपना देश यहॉं,छह- छह ऋतुऍं मधु छाईं
भॉंति-भॉंति के सुंदर फल, सब ऋतुऍं लेकर आईं
दूध-सब्जियॉं मधुर दाल,फल-चावल की भरमार है
छोड़ो पशु-हिंसा-भोजन, सर्वोत्तम शाकाहार है
________________________
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

Language: Hindi
289 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all

You may also like these posts

अब यह अफवाह कौन फैला रहा कि मुगलों का इतिहास इसलिए हटाया गया
अब यह अफवाह कौन फैला रहा कि मुगलों का इतिहास इसलिए हटाया गया
शेखर सिंह
आज का दौर
आज का दौर
Shyam Sundar Subramanian
#मुक्तक
#मुक्तक
*प्रणय*
कहने को सभी कहते_
कहने को सभी कहते_
Rajesh vyas
मेरे पापा
मेरे पापा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
We can rock together!!
We can rock together!!
Rachana
उन्हें दिल लगाना न आया
उन्हें दिल लगाना न आया
Jyoti Roshni
आपके शत्रु आपको क्रोध दिला सकते हैं
आपके शत्रु आपको क्रोध दिला सकते हैं
ruby kumari
शब्द
शब्द
Sûrëkhâ
सर्दी में कोहरा गिरता है बरसात में पानी।
सर्दी में कोहरा गिरता है बरसात में पानी।
इशरत हिदायत ख़ान
इक्षाएं
इक्षाएं
शिवम राव मणि
मुझे इंसानों में जीने का कोई शौक नही,
मुझे इंसानों में जीने का कोई शौक नही,
Jitendra kumar
न रोको तुम किसी को भी....
न रोको तुम किसी को भी....
डॉ.सीमा अग्रवाल
पूज्य पिता की पुण्यतिथि
पूज्य पिता की पुण्यतिथि
महेश चन्द्र त्रिपाठी
सपनों का सफर
सपनों का सफर
पूर्वार्थ
उनके रुख़ पर शबाब क्या कहने
उनके रुख़ पर शबाब क्या कहने
Anis Shah
"कुछ तो गुन गुना रही हो"
Lohit Tamta
"शून्य"
Dr. Kishan tandon kranti
कहां से कहां आ गए हम..!
कहां से कहां आ गए हम..!
Srishty Bansal
दोहा **** शब्दकोष स्वयं है, नहीं शब्द बस एक
दोहा **** शब्दकोष स्वयं है, नहीं शब्द बस एक
RAMESH SHARMA
जिंदगी का हिसाब
जिंदगी का हिसाब
Surinder blackpen
हृदय की वेदना को
हृदय की वेदना को
Dr fauzia Naseem shad
*जीवन में मुस्काना सीखो (हिंदी गजल/गीतिका)*
*जीवन में मुस्काना सीखो (हिंदी गजल/गीतिका)*
Ravi Prakash
स्वतंत्र नारी
स्वतंत्र नारी
Manju Singh
हो जाती है साँझ
हो जाती है साँझ
sushil sarna
रंग जाओ
रंग जाओ
Raju Gajbhiye
बेटा तेरे बिना माँ
बेटा तेरे बिना माँ
Basant Bhagawan Roy
शरीर और आत्मा
शरीर और आत्मा
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
खंडहर
खंडहर
Tarkeshwari 'sudhi'
मानवता का सन्देश
मानवता का सन्देश
manorath maharaj
Loading...