सर्राफा परिवार मिलन समारोह : स्मारिका/ डायरेक्टरी
सर्राफा परिवार मिलन समारोह : स्मारिका/ डायरेक्टरी
प्रकाशन की तिथि: 2 अक्टूबर 2019
कुल पृष्ठ संख्या 72
स्मारिका/ डायरेक्टरी प्राप्ति स्थान:
महेंद्र कुमार अग्रवाल, 660 रहमखानी स्ट्रीट, निकट बाँके बिहारी मंदिर ,काशीपुर( उधम सिंह नगर ),उत्तराखंड 244713
मूल्य अंकित नहीं
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पारिवारिकता से ओतप्रोत काशीपुर का अग्रवाल सर्राफा परिवार
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आज के जमाने में जबकि सगे भाई-बहनों के बच्चों का आपस में सुख-दुख में भी मिलना कठिन हो गया है, उत्तराखंड के काशीपुर का अग्रवाल सर्राफ परिवार न केवल अपनत्व की डोर से बँधा हुआ है अपितु वर्ष में एक बार 2 अक्टूबर को परिवार के सभी सदस्य किसी एक स्थान पर मिलते अवश्य हैं । वह स्थान काशीपुर हो सकता है , रामनगर हो सकता है अथवा भारत का कोई भी अन्य राज्य या नगर हो सकता है । इस प्रकार के मिलने जुलने से परिवार के जहाँ पुराने सदस्यों को अतीत की स्मृतियों का सुख प्राप्त होता है ,वहीं नई पीढ़ी को अपने अतीत को जानने का अवसर भी मिलता है। परिवार में जिन सदस्यों ने ऊँची उपलब्धियाँ प्राप्त की हैं, उनको बधाई देने और उनसे प्रेरणा लेने का अवसर भी इस प्रकार के सम्मेलन में मिलता है ।
सम्मेलन के आयोजन के द्वारा काशीपुर का अग्रवाल सर्राफा परिवार बच्चों के नृत्य, वरिष्ठ जनों के प्रेरक संबोधन तथा आपसी मेल मुलाकातों में एक दिन व्यतीत करता है और उसके बाद सब अपने-अपने घरों की ओर चले जाते हैं …सुखद स्मृतियों को लेकर। लेकिन उन स्मृतियों को स्थाई करने का कार्य एक स्मारिका के प्रकाशन के द्वारा ही हो सकता है । सुनी गई या कही गई बातें ध्यान से उतर जाती हैं लेकिन जब स्मारिका के पृष्ठों पर वह अंकित हो जाती हैं तब हमेशा हमेशा के लिए वह एक स्थाई निधि बन जाती है।
इस वर्ष 12 वाँ सम्मेलन अग्रवाल सर्राफा परिवार का था और उसने इस अवसर पर A4 आकार के पृष्ठों की स्मारिका प्रकाशित की। रंगीन कवर पर परिवार के चार भाइयों का सुंदर चित्र उस युग का एक सजीव चित्रण करने वाला है। वेशभूषा से ही परिवार की धनाढ्यता प्रकट हो रही है । वास्तव में सर्राफा परिवार न केवल सर्राफे के कार्य में बल्कि अब भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में भी सक्रिय है। तथापि सर्राफा इस परिवार का अभी भी प्रमुख व्यवसाय है। इसके सदस्य रामनगर ,हल्द्वानी, रानीखेत तथा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में फैले हुए हैं। सर्राफे के कार्य को भी नया नया रूप दिया जा रहा है । इसका एक उदाहरण स्मारिका में एक प्रष्ठ का रंगीन विज्ञापन “पीसी ज्वेलर्स “की शाखा काशीपुर उत्तराखंड में परिवार के वरिष्ठ सदस्य श्री महेंद्र कुमार अग्रवाल द्वारा खोले जाने की सूचना के द्वारा प्राप्त हो रही है । परिवार के वरिष्ठ सदस्य और संरक्षक डॉक्टर के.के. अग्रवाल जो राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के निवासी हैं तथा चिकित्सा के क्षेत्र में जिनकी एक राष्ट्रीय पहचान है ,उनका भी एक पृष्ठ का चित्र स्मारिका को मूल्यवान बना रहा है। डॉक्टर नरेंद्र कुमार अग्रवाल काशीपुर के अग्रणी हृदय रोग विशेषज्ञ हैं तथा उनका संदेश पत्रिका के एक पृष्ठ में प्रभावशाली रूप से अपनी बात पाठकों तक पहुंचाने में समर्थ है । परिवार के विभिन्न सदस्यों के नाम पते तथा टेलीफोन नंबरों के कारण यह स्मारिका स्थाई रूप से कम से कम परिवार के सदस्यों के लिए तो बहुत मूल्यवान हो ही गई है ।
स्मारिका का सर्वाधिक महत्वपूर्ण पृष्ठ श्री महेंद्र कुमार अग्रवाल, मंत्री सर्राफा परिवार, निवासी काशीपुर द्वारा लिखा गया संपादकीय है। जिसमें चार भाइयों के सर्राफा परिवार का दो सौ-ढाई सौ वर्ष पुराना काशीपुर का इतिहास वर्णित है ।इसमें चार भाइयों की पुरानी गाथा को बहुत रोचक ढंग से लिखा गया है तथा आने वाले वर्षों में इस प्रकार की जानकारी दुर्लभ हो जाएगी ।
काशीपुर का यह अग्रवाल सर्राफा परिवार भारत के अत्यंत प्रतिष्ठित अग्रवाल परिवारों में है । मेरा सौभाग्य है कि मेरी दो बुआएं श्रीमती शांति देवी तथा श्रीमती ओमवती देवी इसी अग्रवाल सर्राफा परिवार में काशीपुर में ब्याही थीं। इसी अग्रवाल सर्राफा परिवार के वरिष्ठ सदस्य डॉ के. के. अग्रवाल मेरे दिवंगत चाचा स्वर्गीय डॉक्टर सुरेंद्र कुमार अग्रवाल के सांडू हैं। स्मारिका के संपादक श्री महेंद्र कुमार अग्रवाल मेरी बुआ के सुपुत्र हैं ।
इस प्रकार यह जो सम्मेलन है और इस सम्मेलन के अवसर पर जो पत्रिका प्रकाशित हुई है, उसकी जितनी भी प्रशंसा की जाए, कम है। आशा की जानी चाहिए कि इस प्रकार के सम्मेलनों और स्मारिका के प्रकाशन के द्वारा अन्य परिवार भी प्रेरणा लेंगे तथा पारिवारिक संबंधों में अभिवृद्धि के लिए प्रयत्नशील हो सकेंगे।
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समीक्षक: रवि प्रकाश पुत्र श्री राम प्रकाश सर्राफ ,बाजार सर्राफा ,रामपुर (उत्तरप्रदेश)
मोबाइल 99976 15451