सर्पदंश
मैंने सर्पदंश के अनेक मरीज़ मरते एवं जीते देखें हैं लेकिन जितनी विचित्र मेरी वह करीब 20 वर्षीय नवयौवना मरीज़ा थी वैसा मरीज़ कोई नहीं देखा था ।अनेक बार मध्य रात्रि में सांप ने काट लिया , सांप ने काट लिया का हल्ला मचाती हुई दस बारा लड़कों की छत्रछाया में अस्पताल में लाई जाती और आकस्मिक विभाग में वे लोग जल्दी डॉक्टर को बुलाओ का हल्ला मचाने लगते । इस बार वह लड़की मेरे पास चौथी बार सांप काटे की शिकायत लेकर आई थी ।आमतौर पर जहरीले सांप के काटने पर स्वसन तंत्र मंद और चेतना लुप्त होने लगती है इसके विपरीत वह लड़की उत्तेजित अवस्था में और ज़ोर ज़ोर से अति तीव्र गति में गहरी गहरी सांसे भरती और हाथ पैर फेंकते हुए आती थी । उसकी इस हालत को नियंत्रण में करने के लिए साथ आए 10 – 12 लड़कों में से 4 – 6 लड़के बारी बारी से कभी उसकी हथेली तो कभी तलवे तो कभी माथा या सीना पेट इत्यादि लगातार तेज़ी से मसलते रहते थे और वार्ड में अफरा तफरी मचा कर मरीज के प्रति अपनी निष्ठा एवं चिंता सिद्ध करने में एक दूसरे से बढ़ चढ़कर उस पर अपना वर्चस्व सिद्ध करने में लगे रहते थे । इस बार वह लड़की चौथी बार इसी हालत में लेकर उठाकर मेरे पास लाई गई थी । मैं मध्य रात्रि में उस समय उसका लाक्षणिक उपचार कर घर आ गया ।
अगले दिन सुबह मैंने उस लड़की से हर बार सांप काटने का विस्तृत विवरण जानना चाहा ।इस पर उसके साथ आये लोगों में से एक नए ने मुझे बताया
‘ सर इसके घर में आंगन पार करके भूसा रखने का एक कमरा है जिसके बराबर से सीढ़ियां जाती हैं ये भूसे के करीब सीढ़ियों पर बैठे हुई थी और तभी इसे सांप ने काट खाया । पिछली बार भी सांप ने इसे इन्हीं परिस्थितियों में काटा था और सर उस समय मैं भी वहीं था , इस प्रकार जब कभी यह वहां उन सीढ़ियों पर जा कर बैठती है तो कहीं से सांप आकर इसको काट लेता है । कुल मिलाकर सांप के काटने का स्थान समय स्थान और अन्य परिस्थितियां निश्चित होती थीं । यह भी एक आश्चर्य की बात थी कि हर बार उसको सांप काटने के बाद वही लड़के उसे वहां से उठाकर इलाज के लिए मेरे पास अस्पताल लाया करते थे । उस साथ आए लड़के ने मुझे यह भी बताया कि सर यह बेचारी अकेली है और इसका भाई मरते समय इसका हाथ मेरे हाथ में दे गया था कि अब इसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी मेरी है तब से मैं अपने मित्रों के साथ हर समय इसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी निभाने का कर्तव्य अपनी पूरी निष्ठा से निभाने में में लगा रहता हूं ।
उन लोगों की बातें सुनकर मुझे माज़रा समझ में आने लगा था । मेरा मन हुआ कि मुझे उन सभी को एक एक , दो दो चांटे मार कर वहां अस्पताल से भगा देना चाहिए ।पर उस लड़की को केवल यह यह समझा कर कि अब तुम उस भूसे के करीब वाली सीढ़ियों या उस भूसे वाली कोठरी की ओर किसी के साथ या अकेले वहां जाकर मत बैठना । फिर अपने विचारों को अपने तक सीमित रखते हुए उन्हें वास्तविकता में अमल करना मेरे लिए व्यवहारिक नहीं था और मेरी तत्कालीन सरकारी नौकरी में समस्याओं को जन्म दे सकता था । अतः मैंने उन्हें चेतावनी देते हुए और समझाते हुए छुट्टी कर गांव जाने दिया ।
मैंने प्रेम साहित्य एवं गीतों में बिच्छू द्वारा काटे जाने का और बिच्छू के ज़हर चढ़ने का विवरण बहुत पड़ा और सुना है । मुझे ऐसा प्रतीत होता है की अक्सर युगल जोड़े परस्पर मिलन हेतु गुप्त एवं एकांत कोनों को तलाशते हुए ऐसे स्थानों पर पहुंच जाते हैं जहां कीड़े मकोड़े और बिच्छू आदि जैसे जहरीले प्राणी पाए जाते हैं , इसीलिए प्रेमिकाओं के द्वारा प्रेमी के संसर्ग में आने पर बिछुआ ने डंक मारा या बिच्छू चढ़ गया रे बिच्छू चढ़ गया जैसे गीतों और साहित्य ने जन्म लिया होगा । पर भुसौली ( भूसा एकत्रित कर रखने वाली कोठरी ) में इन परिस्थितियों में किसी को बार-बार सांप के डसने का प्रकरण मैंने पहली बार देखा और सुना था ।