सर्द हवाएँ।
सर्द हवाएँ चल रहीं, धुंध भरी हर ओर
सूरज घन में है छिपा , जैसे कोई चोर,
जैसे कोई चोर , रात में छुपके आता
थर्र-थर्र काँपे अंग , दिसम्बर चुपके आता।
ऊनी – स्वेटर , शाल, रजाई, भाये कम्बल
बोरसी,गोरसी,आग,अँगीठी सबका सम्बल।
अनिल मिश्र प्रहरी।