सर्दी का मौसम
सर्दी का मौसम
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ठिठुर रहे हैं बदन,ठिठुर रहे हैं जज्बात,
इस घनी सर्दी में,कुछ कहते हैं जज्बात
कैसे काटे सर्दी का मौसम पूछे है सब,
मिले कोई साथी,फिर गर्म होगे जज्बात।
इस सर्दी में रजाई से भी बात नही बनती,
हीटर जलाओ फिर भी बात नही बनती,
पूछे सभी इस सर्दी से कैसे राहत पाए,
जब तक कोई साथी न हो बात नही बनती।
प्रेमिको को सरदी लगी कांप रहा है गात,
सारे ठंडे पड़ गए उसके भी अब जज्बात,
कैसे गर्म करे वह अब इन ठंडे जज्बातों को
गर्म हो जाए ठंडी रातों में उसका अब गात।।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम