सर्दी आई (गीतिका)
सर्दी आई (गीतिका)
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(1)
जाड़ों का सुख गरम रजाई
इसे ओढ़कर ठंड भगाई
(2)
निकला मफलर गरम टोपियाँ
इसका मतलब सर्दी आई
(3)
जाड़ों का फल सूखे मेवा
केसर वाला दूध – मलाई
(4)
निकली धूप सुहानी जिस दिन
लगा लाटरी जैसे पाई
(5)
जिसको देखो ठिठुर रहा है
सर्दी का मौसम है भाई
(6)
तुलसी-अदरक पड़ी चाय ने
सर्दी की सब अकड़ भुलाई
(7)
मुँह से छोड़ी हवा आपने
कुदरत ने वह भाप बनाई
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रचयिता : रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451