Sahityapedia
Login
Create Account
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
Smriti Singh
19 Followers
Follow
Report this post
4 Dec 2021 · 1 min read
सराबोर
हम अंजुली लगा कर बैठे थे
वो इश्क़ छलका गये,
हम आंखों में देखते रह गये,
वो सीने में आ गये,
Language:
Hindi
Tag:
शेर
Like
Share
2 Likes
·
8 Comments
· 483 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Join Sahityapedia on Whatsapp
You may also like:
🚩अमर कोंच-इतिहास
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
4731.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
भूलना
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
दिखाने लगे
surenderpal vaidya
4. गुलिस्तान
Rajeev Dutta
जिंदगी उधार की, रास्ते पर आ गई है
Smriti Singh
दोय चिड़कली
Rajdeep Singh Inda
मुस्कुरा दे ये ज़िंदगी शायद ।
Dr fauzia Naseem shad
जुड़वा भाई ( शिक्षाप्रद कहानी )
AMRESH KUMAR VERMA
नववर्ष।
Manisha Manjari
"नींद से जागो"
Dr. Kishan tandon kranti
रूठना और भी खूबसूरत हो जाता है
पूर्वार्थ
श्री रमेश जैन द्वारा "कहते रवि कविराय" कुंडलिया संग्रह की सराहना : मेरा सौभाग्य
Ravi Prakash
"फ़ुरक़त" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
कर्म ही है श्रेष्ठ
Sandeep Pande
इन चरागों को अपनी आंखों में कुछ इस तरह महफूज़ रखना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सोचें सदा सकारात्मक
महेश चन्द्र त्रिपाठी
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
*Fruits of Karma*
Poonam Matia
■ सियासत के बूचड़खाने में...।।
*प्रणय*
कम कमाना कम ही खाना, कम बचाना दोस्तो!
सत्य कुमार प्रेमी
यह अपना रिश्ता कभी होगा नहीं
gurudeenverma198
मेरी किस्मत पे हंसने वालों कब तलक हंसते रहोगे
Phool gufran
बाकी है...!!
Srishty Bansal
" महक संदली "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
जीवन वो कुरुक्षेत्र है,
sushil sarna
भूल ना था
भरत कुमार सोलंकी
रोज गमों के प्याले पिलाने लगी ये जिंदगी लगता है अब गहरी नींद
कृष्णकांत गुर्जर
हर एक सब का हिसाब कोंन रक्खे...
कवि दीपक बवेजा
एक कहानी सुनाए बड़ी जोर से आई है।सुनोगे ना चलो सुन ही लो
Rituraj shivem verma
Loading...