सरस्वती वन्दना
हे मॉं शारदे कष्ट तु निवार दे,
शब्दों का ज्ञान दे मॉं,
तम से उबार दे मॉं,
उतकंठा मन की मिटा मॉं,
जीवन सवार दे,
कभी भी भूल से अंहकार हो न मन में,
ऐसा वरदान दे मॉ,
शब्द में पकड हो मॉं,
कलम को निखार दे मॉं,
किसी से नहीं डरे मॉं,
ऐसा अभय वरदान दे मॉं,
तम को मिटा के मॉं तु,
जगती को प्रकाश दे मॉं,
नेह में हमारे मॉं तु,
ज्योति कुुंज वार दे मॉं,
हे मॉं शारदे कष्ट तु निवार दे,
भरत कुमार गहलोत
जालोर, राजस्थान
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