सरस्वती वंदना
?सरस्वती वंदना?
मां भारती ! सुरवंदिता !
विद्या विनय ! सुरताल दो !
मां ज्ञानदा ! सौदामिनी !
दो ज्ञान की तुम रोशनी !
मुझ पे कृपा अब डाल दो ।
विद्या विनय सुरताल दो ।।
दोषादि सब संहार दो,
लक्ष्यादि को संधान दो
नव नित हमें पड़ताल दो ।
विद्या विनय सुरताल दो।।
माँ ब्रह्म ज्ञानी! पावनी !
हे नंदिता सुखदायनी !
कुछ तीव्र गति की चाल दो,
विद्या, विनय, सुरताल दो।।
वागीश वीणावादिनीं,
हे शारदे हंसासिनी,
निज भक्तरूपी माल दो ।
विद्या विनय सुरताल दो ।।
कर जोड़ कर विनती करुं,
श्रद्धा सुमन अर्पित करुं,
सब कष्ट मेरे टाल दो ।
विद्या विनय सुरताल दो ।।
मां भारती ! सुरवंदिता !
विद्या विनय ! सुरताल दो !
अभिनव मिश्रा
( शाहजहांपुर )