वंदना स्वीकार करना शारदे माँ शारदे।
वंदना स्वीकार करना शारदे माँ शारदे।
ज्ञान के भंडार भरना शारदे माँ शारदे।
कंठ में माँ तुम सजा दो सात सुर की लहरियाँ।
भाव की दिल मे बजा दो तुम मधुर सी घण्टियाँ।
तुम बहाना प्रेम झरना शारदे माँ शारदे।
वंदना स्वीकार करना शारदे माँ शारदे।
कर्म मन से और वचन से शुद्ध हर व्यवहार हो।
मन नहीं भटके हमें इंसानियत से प्यार हो।
दुख हमारे सर्व हरना शारदे मां शारदे।
वंदना स्वीकार करना शारदे माँ शारदे।
मोह माया में जगत की फँस नहीं जायें कहीं।
पग पतन की राह में ही धँस नहीं जायें कहीं।
हाथ अपना सिर पे धरना शारदे माँ शारदे।
वंदना स्वीकार करना शारदे माँ शारदे।
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद
25-08-2020
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद