सरस्वती वंदना
माँ हमें तुम ज्ञान का वरदान दो
ज़िन्दगी को कर जरा आसान दो
धूल मन पर मोह माया की चढ़ी
आंखों पर भी स्वार्थ की पट्टी चढ़ी
हर बुरे अच्छे की तुम पहचान दो
माँ हमें तुम ज्ञान का वरदान दो
हम यहाँ बिन कर्म पा सकते नहीं
भाग्य का लेखा मिटा सकते नहीं
क्या है जीवन मृत्यु सबका ज्ञान दो
माँ हमें तुम ज्ञान का वरदान दो
मन में जिसके भी तुम्हारा वास है
गम को मिल जाता वहाँ वनवास है
भक्ति से मन का सजा गुलदान दो
माँ हमें तुम ज्ञान का वरदान दो
हम जगह दिल में तुम्हारे पा सकें
अर्चना मीठे सुरों में गा सकें
कंठ को इतनी सुरीली तान दो
माँ हमें तुम ज्ञान का वरदान दो
09-12-2018
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद