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8 Aug 2018 · 1 min read

सरस्वती वंदना

शारदे कर रहे तेरी आराधना
पूरी करना हमारी मनोकामना

माया के जाल में फँस न जायें कदम
सत्य पथ पर नहीं डगमगायें कदम
ज्ञान के दीप मन मे जलाना सदा
ताकि मन मे न आये बुरी भावना

भाव सेवा का दिल मे हमारे पले
होता अन्याय दिल को हमारे खले
ऐसे दुनिया मे हम संस्कारी बनें
हो बड़ों की नहीं हमसे अवमानना

हो निडर सच लिखे ये हमारी कलम
जग में कर रोशनी हर ले फैला ये तम
सोच हो सात्विक उच्च अपना चरित्र
हो नियम की नहीं हमसे अवहेलना

जानते ही नहीं पूजा की रीत हम
गा रहे तेरी महिमा के बस गीत हम
खाली हैं हाथ अर्पण तुझे क्या करें
कर लो स्वीकार भावों की ये ‘अर्चना’

डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद
08-08-2018

Language: Hindi
Tag: गीत
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