सरस्वती जी की वंदना
ज्ञान बुद्धि गुणों से भरा है तेरा भंडार। वीणा धर मातेश्वरी विनय करो स्वीकार। । तुम अविद्या हरण ज्ञान की दाता। आंचल भर के दान दे तू मोहे माता।।
ज्ञान बुद्धि गुणों से भरा है तेरा भंडार। वीणा धर मातेश्वरी विनय करो स्वीकार। । तुम अविद्या हरण ज्ञान की दाता। आंचल भर के दान दे तू मोहे माता।।