सरस्वती कविता
गुरुकुल की शिक्षा यही,
सब हो एक समान,,
प्रथम धर्म तो कर्म है ,
जीवन कर्म प्रधान ,,
हर स्थिति जि सके ,
घर हो या बनवास ,,
कर्मवीर बनकर रखें,
अपने पर विश्वास,,
सांझ भई पंछी घर आए ,
मुझे मुदित यमन राग दोहराने ,,।✍✍
गुरुकुल की शिक्षा यही,
सब हो एक समान,,
प्रथम धर्म तो कर्म है ,
जीवन कर्म प्रधान ,,
हर स्थिति जि सके ,
घर हो या बनवास ,,
कर्मवीर बनकर रखें,
अपने पर विश्वास,,
सांझ भई पंछी घर आए ,
मुझे मुदित यमन राग दोहराने ,,।✍✍