सरसी छन्द
जब जब याद तुम्हारी आई,
हुआ बुरा ही हाल
भूल गई मैं सांसे लेना
जीना हुआ मुहाल ||
तुम ही जीवन मेरी पूजा,
हे मेरे गोपाल
मेरे माधौ गिरवर धारी ,
आओ अब हर हाल ||
लीला तेरी माखन चोरी ,
कहूँ मैं नीति ज्ञान
चक्र सुदर्शन धारी माधौ ,
तुम सर्वशक्तिमान ||
साजिश ये कथा वाचकों की ,
वर्णित केवल रास
महा बलशाली कुशल योद्धा,
बना दिया परिहास ||