सरल हृदय के भावों को ले आओ (भक्ति-गीतिका)
सरल हृदय के भावों को ले आओ (भक्ति-गीतिका)
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(1)
हे प्रभु ! हममें सरल हृदय के भावों को ले आओ
भीतर भरी मलिनताएंँ हैं जो-जो दूर हटाओ
(2)
उठा गर्व से मेरा मस्तक काटो और झुकाओ
शरण तुम्हारी आया हूँ मैं देव-देव अपनाओ
(3)
हमें स्वस्थ दो देह हाथ-पैरों में गति को लाओ
देखें सदा-सदा आँखों से, कानों से सुनवाओ
(4)
मधुर चले यह जिहवा इसको क्षमतावान बनाओ
जागरूक मन चेतनता हे देव – देव बरसाओ
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451