सरपंच का भाई
सरपंच का भाई
नवंबर 2016 की नोटबंदी के दौरान बैंक के सामने लम्बी कतार लगी थी।
एक सफेदपोश अनाधिकार पूर्वक बैंक में घुसने की चेष्टा कर रहा था।
कतार में खड़े लोग उसके घुसने का विरोध कर रहे थे।
तो उसने कहा, “जाने दो मैं समाधखेड़ा के सरपंच का भाई हूँ। थोड़ी जल्दी है।”
एक ने पूछा, “राजमल का साला है क्या? समाधखेड़ा की सरपंच तो राजमल की पत्नी “कविता” है।”
सफेदपोश मुंह बिचकाते हुए बोला, “राजमल का भाई हूँ।”
कतारबद्ध जनसमूह ने जोर का ठहाका लगाया। सफेदपोश पानी-पानी हो गया।
-विनोद सिल्ला