सरजमी है दोस्तों की
ये सरजमी है दोस्तों की
सुकून है मिलता यहां,
यदि न होता साथ सबका
नर्क सा लगता जहां।
हो कभी पतझड़ नही
ऐसी दुआ करता हूँ मैं,
पुष्प हो गुलशन में इतने
बसंत हो हरपल यहां।
ये सरजमी है दोस्तों की
सुकून है मिलता यहां,
यदि न होता साथ सबका
नर्क सा लगता जहां।
हो कभी पतझड़ नही
ऐसी दुआ करता हूँ मैं,
पुष्प हो गुलशन में इतने
बसंत हो हरपल यहां।