*जब जन्म लिया तो मरना है, मरने से कैसा घबराना (राधेश्यामी छं
जो श्रम में अव्वल निकलेगा
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राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
तुम बनते चालाक क्यों,धोखा है संसार ।
लड़की की जिंदगी/ कन्या भूर्ण हत्या
अधिकांश लोगों को अपने से "बेहतर" नहीं, "कमतर" पसंद आते हैं।
जाम सिगरेट कश और बस - संदीप ठाकुर
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
लोग महापुरुषों एवम् बड़ी हस्तियों के छोटे से विचार को भी काफ
श्याम हमारा हाथ थाम कर भजन अरविंद भारद्वाज
अंतर्मन विवशता के भवर में है फसा
लगा जैसे उसकी आंखों में सारा समंदर समाया हो,
बाण मां के दोहे
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
कभी मिले फुरसत तो उन लड़कों के बारे में सोचना,