Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Mar 2022 · 1 min read

सरकार में बैठे हुए लोग

ख़ूब रोशन हो रहा है
भारत का नाम संसार में!
बदलकर रख दिया है
पूरे देश को कारागार में!!
संभाल कर ही रखना
अपने घर के बच्चों को!
बेऔलाद लोग बैठे हैं
आजकल यहां सरकार में!!
#बहुजन_क्रांति #DalitLivesMatter #कवि
#freedomofexpression #जयभिम #शेर

Language: Hindi
78 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

बचपन
बचपन
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
"Your Time and Energy
Nikita Gupta
गुजरी जो बीती गलियों से
गुजरी जो बीती गलियों से
Chitra Bisht
🙅आमंत्रण🙅
🙅आमंत्रण🙅
*प्रणय*
Milo kbhi fursat se,
Milo kbhi fursat se,
Sakshi Tripathi
हठ धर्मी बनाना
हठ धर्मी बनाना
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
शीतलहर
शीतलहर
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
वेयरहाउस में सड़ गया
वेयरहाउस में सड़ गया
Dhirendra Singh
हेेे जो मेरे पास
हेेे जो मेरे पास
Swami Ganganiya
विषय-मैं महान हूँ।
विषय-मैं महान हूँ।
Priya princess panwar
"सिक्का"
Dr. Kishan tandon kranti
कवर नयी है किताब वही पुराना है।
कवर नयी है किताब वही पुराना है।
Manoj Mahato
विद्यापति धाम
विद्यापति धाम
डॉ. श्री रमण 'श्रीपद्'
सहकारी युग का 11 वाँ वर्ष 1969 - 70 : एक अध्ययन
सहकारी युग का 11 वाँ वर्ष 1969 - 70 : एक अध्ययन
Ravi Prakash
हम दलित हैं
हम दलित हैं
आनंद प्रवीण
Ak raat mei  ak raaz  hai
Ak raat mei ak raaz hai
Aisha mohan
वो ठोकर से गिराना चाहता है
वो ठोकर से गिराना चाहता है
अंसार एटवी
सत्य
सत्य
Ruchi Sharma
"" *नवीन नवनीत* ""
सुनीलानंद महंत
चिरैया (कविता)
चिरैया (कविता)
Indu Singh
यू इतनी जल्दी कोई भी सो नही सकता,
यू इतनी जल्दी कोई भी सो नही सकता,
ललकार भारद्वाज
साथी तेरे साथ
साथी तेरे साथ
Kanchan verma
किलकारी भर कर सुबह हुई
किलकारी भर कर सुबह हुई
Madhuri mahakash
अब खोटे सिक्के भी उछाले जा रहे हैं खेल में,
अब खोटे सिक्के भी उछाले जा रहे हैं खेल में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
महाशिवरात्रि
महाशिवरात्रि
Neerja Sharma
स्वार्थ से परे !!
स्वार्थ से परे !!
Seema gupta,Alwar
दहेज़ कर्ज या खुशी
दहेज़ कर्ज या खुशी
Rekha khichi
कुछ कर चले ढलने से पहले
कुछ कर चले ढलने से पहले
कवि दीपक बवेजा
तेरी यादों को रखा है सजाकर दिल में कुछ ऐसे
तेरी यादों को रखा है सजाकर दिल में कुछ ऐसे
Shweta Soni
*धरती का वरदान*
*धरती का वरदान*
Shashank Mishra
Loading...