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13 Sep 2017 · 1 min read

सरकारी बंद लिफ़ाफ़ा

एक एनजीओ की याचिका पर

माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने

भारत सरकार को आदेश दिया

केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने

कल 105 क़ानून बनाने वाले आदरणीयों (?) के नाम

सीलबंद लिफ़ाफ़े में सौंपे हैं।

इन पर आरोप है कि

चुनाव जीतते ही इनकी संपत्ति में

500 से 1200 प्रतिशत तक का इज़ाफ़ा हुआ है

देश को ऐसा आश्चर्य पहली बार नहीं हुआ है।

100 रुपये पर 10 रूपया बढ़ना 10 प्रतिशत वृद्धि होता है

इनके साथ खड़ा हड़प-तंत्र होता है

कहीं-कहीं 1700 और 5000 प्रतिशत का भी ज़िक्र है

जोकि हमारी आज की सबसे बड़ी फ़िक्र है।

इन सफ़ेदपोशों के नाम बंद लिफ़ाफ़े में क्यों ?

इनके आय के समस्त स्त्रोत गुप्त क्यों ?

इस लूट पर अपनी सरकार है सुप्त क्यों ?

ये ऐसा चमत्कारी फ़ॉर्मूला जनता को नहीं बताते क्यों ?

ये ढोंगी, धूर्त जनसेवक चुनाव-सभा में देशभक्ति गीत बजाते क्यों ?

हम भी जानना चाहते हैं देश ने इन्हें ऐसा हक़ कब दिया था ?

1955 में ही ख्वाजा अहमद अब्बास ने

राजकपूर अभिनीत फिल्म में इन्हें “श्री 420” लिख दिया था।
#रवीन्द्र सिंह यादव

Language: Hindi
510 Views
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