Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Dec 2023 · 1 min read

सरकारी नौकरी लगने की चाहत ने हमे ऐसा घेरा है

सरकारी नौकरी लगने की चाहत ने हमे ऐसा घेरा है
कि मानो जैसे पृथ्वी सूर्य के चक्कर लगा रही हो
यू ही एक कमरे में बैठकर जीवन गुजार रहे है
ना जाने कब तक चलेगा ये सिलसिला
अब तो ऐसा लगता है कि जैसे हमारी
मौत हमसे बाते कर रही हो
कभी कभी लगता है की मान लूं
वो बाते जो हमसे मौत कर रही हैं
पर पीछे से ऐसी आवाजे आती है
जैसे घरवालों की उम्मीदें हमको घेर रही हो

279 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जय हो जय हो महादेव
जय हो जय हो महादेव
Arghyadeep Chakraborty
औरत.....?
औरत.....?
Awadhesh Kumar Singh
ग़ज़ल /
ग़ज़ल /
ईश्वर दयाल गोस्वामी
अप कितने भी बड़े अमीर सक्सेस हो जाओ आपके पास पैसा सक्सेस सब
अप कितने भी बड़े अमीर सक्सेस हो जाओ आपके पास पैसा सक्सेस सब
पूर्वार्थ
सत्य दृष्टि (कविता)
सत्य दृष्टि (कविता)
Dr. Narendra Valmiki
रोज दस्तक होती हैं दरवाजे पर मेरे खुशियों की।
रोज दस्तक होती हैं दरवाजे पर मेरे खुशियों की।
Ashwini sharma
रिश्तों की कसौटी
रिश्तों की कसौटी
VINOD CHAUHAN
ऐसी प्रीत कहीं ना पाई
ऐसी प्रीत कहीं ना पाई
Harminder Kaur
किताब
किताब
Sûrëkhâ
* संस्कार *
* संस्कार *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
दोहा-सुराज
दोहा-सुराज
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
Inspiring Poem
Inspiring Poem
Saraswati Bajpai
..
..
*प्रणय*
है शिव ही शक्ति,शक्ति ही शिव है
है शिव ही शक्ति,शक्ति ही शिव है
sudhir kumar
जुगनू का कमाल है रातों को रोशन करना,
जुगनू का कमाल है रातों को रोशन करना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*******अधूरे अरमान*******
*******अधूरे अरमान*******
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
बुद्धं शरणं गच्छामि
बुद्धं शरणं गच्छामि
Dr.Priya Soni Khare
"शायद"
Dr. Kishan tandon kranti
कोई कमी जब होती है इंसान में...
कोई कमी जब होती है इंसान में...
Ajit Kumar "Karn"
श्रध्दा हो तुम ...
श्रध्दा हो तुम ...
Manisha Wandhare
इंसान दुनिया जमाने से भले झूठ कहे
इंसान दुनिया जमाने से भले झूठ कहे
ruby kumari
दोहा पंचक. . .
दोहा पंचक. . .
sushil sarna
3751.💐 *पूर्णिका* 💐
3751.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
*झूठा ही सही...*
*झूठा ही सही...*
नेताम आर सी
परिणाम जो भी हो हमें खुश होना चाहिए, हमें जागरूक के साथ कर्म
परिणाम जो भी हो हमें खुश होना चाहिए, हमें जागरूक के साथ कर्म
Ravikesh Jha
प्यारा-प्यारा है यह पंछी
प्यारा-प्यारा है यह पंछी
Suryakant Dwivedi
मुक्तक _ चलें हम राह अपनी तब ।
मुक्तक _ चलें हम राह अपनी तब ।
Neelofar Khan
यह तुम्हारी नफरत ही दुश्मन है तुम्हारी
यह तुम्हारी नफरत ही दुश्मन है तुम्हारी
gurudeenverma198
मैं नारी हूँ
मैं नारी हूँ
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
Loading...