सरकारी नौकरी में, मौज करना छोड़ो
(शेर)- करोगे अगर बेईमानी तुम, पाकर यह सरकारी नौकरी।
कर देगी खड़ी बहुत परेशानी कल, यह सरकारी नौकरी।।
हो जायेगा निजीकरण कल इससे, हर सरकारी संस्था का।
रह जायेगी तब एक इतिहास की बात, यह सरकारी नौकरी।।
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सरकारी नौकरी में, मौज करना छोड़ो।
सरकारी नौकरी, बदनाम करना छोड़ो।।
सरकारी नौकरी में———————–।।
कितनी मुश्किल से, नौकरी सरकारी मिलती है।
कितनी परीक्षायें, इसके लिए देनी पड़ती है।।
सरकारी नौकरी में, लगे नहीं इल्जाम कोई।
अपनी नौकरी में, लापरवाही करना छोड़ो।।
सरकारी नौकरी में————————–।।
अपने परिवार जिस ,नौकरी से पलते हैं।
उसके गुण गाने में, शर्म क्यों हम करते हैं।।
बढ़ाओ मान अपने, सरकारी विभाग का।
सरकारी संस्थायें, बर्बाद करना छोड़ो।
सरकारी नौकरी में ———————।।
हो जायेगा सरकारी संस्थाओं का, जब निजीकरण।
कर देगा खत्म सरकारी नौकरी, यह निजीकरण।।
बढ़ जायेगी निजीकरण से, महंगाई और गरीबी।
सरकारी संस्थाओं के, नुकसान बताना छोड़ो।।
सरकारी नौकरी में —————————।।
शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)