सम्मान
जग में आये हो तुम बंदे! कुछ तो ऐसा काम करो,
माता-पिता और पूज्य गुरु का,हरदम सम्मान करो।
इनको हरपल खुश रखकर,आगे ही बढ़ते जाओगे,
तर जाओगे जो तुम इनके चरणों में शीश नवाओगे।।
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रचना- मौलिक एवं स्वरचित
निकेश कुमार ठाकुर
गृह जिला- सुपौल (बिहार)
संप्रति- कटिहार (बिहार)
सं०-9534148597