*”सम्मान”*
“सम्मान”
जैसा कर्म करते वैसा फल देता है भगवान।
जीवन धन्य बना लो अच्छे कर्म कर लो इंसान।
घर परिवार अच्छे संस्कार शिक्षा देते ,
आदर भाव मान प्रतिष्ठा से बढ़ जाता है सम्मान।
बड़े बुजुर्गों के चरण पखारे ,मिल जाता है आशीष दान।
चाहे बैठे उच्च पदों पर फिर भी ,
सभी को देना मान सम्मान।
आदर भाव से सदा सर्वदा ,रखना है नित ध्यान।
जीवन में सदैव आगे बढ़ते रहना ,
पढ़लिखकर कभी न करना अभिमान।
हानि लाभ मिले जीवन में फिर भी ,
खोकर मिटने न देना स्वाभिमान।
मूलमंत्र सभी को देकर सम्मानित कर ,
स्वाभिमान बनाये रखना इसके मर्मभेद न पहचान।
जय श्री कृष्णा जय श्री राधेय