सम्भल कर चलना ऐ जिन्दगी
सम्भल-सम्भल कर चलना ऐ जिन्दगी
कही काँटे ,कही खाई बहुत है
धर लिए पाँव अगर गलत जगह पर
फिर जिन्दगी मे दर्द बहुत है
पछताने से भी कुछ न होगा
क्योकि जिन्दगी मे मंजिल हासिल
करने के लिए
समय बहुत कम है।
~अनामिका
सम्भल-सम्भल कर चलना ऐ जिन्दगी
कही काँटे ,कही खाई बहुत है
धर लिए पाँव अगर गलत जगह पर
फिर जिन्दगी मे दर्द बहुत है
पछताने से भी कुछ न होगा
क्योकि जिन्दगी मे मंजिल हासिल
करने के लिए
समय बहुत कम है।
~अनामिका