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2 May 2024 · 1 min read

सम्बोधन

काले घनघोर बादलो के नीचे
निर्भीक खडे,
पलाश को देख याद आया
पहला प्यार यही पर
आस्तित्व में आया
ठीक अगले ही क्षण
सभी ने संज्ञा दे दी
‘अनस’ को बागी की
कि
अब ये कविता कहना प्रारंभ कर रहा है

Language: Hindi
32 Views
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