सम्बन्धों की
मन की पीड़ा
मन के भीतर
मूक सी है
कैसी जीवन में
जीवन की
भूख सी है
कोमल मन में
भाव समाहित
ह्रदय पे खिली
कोई धूप सी है
रिश्तों में विफलता
संबंधो की
चूक सी है!
डाॅ फौज़िया नसीम शाद
मन की पीड़ा
मन के भीतर
मूक सी है
कैसी जीवन में
जीवन की
भूख सी है
कोमल मन में
भाव समाहित
ह्रदय पे खिली
कोई धूप सी है
रिश्तों में विफलता
संबंधो की
चूक सी है!
डाॅ फौज़िया नसीम शाद