Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Oct 2021 · 4 min read

समीक्षा

279-आज की समीक्षा दिनांक 5-10-2020 बिषय- खीर
आज पटल पर बहुत बढ़िया दोहा पोस्ट किये गये है। सभी ने बढिया कलम चलायी है। सभी को हृदय तल से बधाई।
आज सबसे पहले श्रीअशोक पटसारिया नादान जी लिधौरा टीकमगढ़ ने अपने दोहों में बताया कि खीर कैसे बनती है उसमें क्या क्या मिलाया जाता है। बहुत बढ़िया दोहे। रचे है बधाई
बूंदी पूड़ी रायता,दही बड़ा भी खीर।
हमने देखी श्राद में, अरबी मटर पनीर।।
साबूदाना सिमइयाँ,कहीं मखाननदार।
खीर बने कद्दू कहीं, चावल की भरमार।।

2 श्री जयहिन्द सिंह जयहिन्द पलेरा ने पंच मेवा से सजे पांच मीठे दोहे रचे बधाई।
बुन्देली ब्यंजन मधुर,कहते जिसको खीर।
खाते हैं सब शान से,राजा रंक फकीर।।
खीर खाँय सुत हो गये,राजा दशरथ चार।
तीन रानियों से हुये, चारों राज कुमार।।

3 श्री प्रदीप खरे, मंजुल जी पितृपक्ष में श्राद्ध में खीर का महत्व बता रहे है। सुंदर दोहे रचे है बधाई
दादी निज देखी नहीं,हिय में उठती पीर।
पितृ पक्ष में आ जईयौ,धरै कटुरियन खीर।।
पुरखा पूजत भाव सें,सबरे मिलकर आव।
धरी थाल में खीर है,बढ़े प्रेम से पाव।।
4 श्री गुलाब सिंह यादव भाऊ लखौरा टीकमगढ़ से कहते है कि शरद पूर्णिमा की खीर का बहुत महत्व है कहते उस दिन आसमान से अमृत बरसता है। अच्छे दोहे रचे है है बधाई।
बन्न बन्न की बनत है त्योहारों में खीर।
रोज रोज जो खात है होबै पुष्ट शरीर ।।
शरद पूर्णिमा को बनत घर घर सबके खीर।
अमृत वर्षा होत सुनों होबै निरोग शरीर।।

5श्री सरस कुमार,दोह, खरगापुर* से लिखते है कि अमीर और गरीब सभी लोगों को खीर पसंद है। सभी त्यौहारों में बनायी जाती है। बढ़िया दोहे है बधाई।
पंगत, भोज, प्रसाद में, बटती है जी खीर ।
खाते है गरीब सभी, और खाते अमीर ।।
खीर बिना सूनी लगे, व्याह, तीज, त्यौहार ।
ज्यौ गुण बिन झूठा लगे, मानुष का व्यवहार ।।

6राजीव नामदेव “राना लिधौरी” टीकमगढ़* कहते है कि पंगत में लोग भर भर दोना खाते है।
पंगत की यह शान है,भर दोना में खीर।
बार-बार मांगत सभी,नहिं मिलने पे पीर।।
भोजन में रानी बनी,होती बढ़िया खीर।
भर-भर दोना खात है,खावे होय अधीर।।
***
7श्री अभिनन्दन गोइल जी इंदौर* से कहते है कि खीर का भोग लगाया जाता है बढ़िया दोहे है।
मेरी माँ देखे प्रभो , पुत्र पौत्र चिरकाल ।
भोग लगावे खीर का , भर सोने के थाल ।।
मातृ भक्ति अरु चतुरता, लख भोले मुस्काय।
कर तथास्तु प्रभु चल दिए,मन में अति हर्षाय।।
****
8डॉ रेणु श्रीवास्तव भोपाल* से खीर बनाने की रेसिपी बता रही हैं। अच्छे दोहे है। बधाई।
चावल दूध व शर्करा, तीनों का है मेल।
खीर बने मीठी लगे, सब पैसों का खेल।।
मठा महेरी भोज है, सब गरीब ही खांय।
खीर बड़ी स्वादिष्ट हो, जिसका भोग लगांय।।

9श्री ब्रजभूषण दुबे ब्रज बकस्वाहा* भोजन में अंत में खीर खाने में बहुत आनंद आता है।
भोजन में आवे मजा,खाय पियें भरपूर।
मेवा पई पकवान संग,होवे खीर जरूर।।
भोजन के पश्चात जो,पांवें थोड़ी खीर।
तृप्त आत्मा होत है,पीकें ठंडा नीर।।

10श्री प्रभु दयाल श्रीवास्तव पीयूष टीकमगढ़* ने बहुत उमदा दोहे रचे है। बधाई।
चावल ओंटो दूध में ,मेवा शकर मिलाय।
खीर खाइये शौक से,कब अवसर मिल पाय।।
शरद पूर्णिमा रात में,चमक रहा शुभ इंदु।
रिस रिस कर पीयूष के, पड़ें खीर में विंदु।।

11गोकुल यादव,नन्हींटेहरी(बुडे़रा)* से लिखते है कै तेरहवीं और श्राद्ध में खीर जरुर बनती है। शानदार दोहे रचे है। बधाई।
तेरहबीं में श्राद्ध में, करते सब तदबीर।
पूरी सब्जी साथ हो,मालपुआ औ खीर।
मिले ठोकरी भैंस का,शुद्ध निपनियाँ क्षीर।
जम जाती है थार में, कलाकंद सम खीर।।

*12 कल्याण दास साहू “पोषक”,पृथ्वीपुर से रस खीर को स्वाद बता रहे है। सभी बढ़िया दोहे है। बधाई।
गन्ना-रस चावल पके , बन जाती रस-खीर ।
गोरस से तसमइ बने , करती पुष्ट शरीर ।।
खीर रसीली माधुरी , करते सभी पसंद ।
पूडी़ के सँग खाइये , मिलता है आनंद ।।
13 श्री किरण मोर कटनी से राजा दशरथ के पुत्रों का जन्म खीर खाने से हुआ था उसका सुंदर वर्णन दोहों में किया है। बधाई
राजा दशरथ को हुई, पुत्र मोह की पीर।
अनल देव ने खीर दी,जनम हुआ रघुबीर।।
भांति-भांति बनने लगी,रख लो शर्करा क्षीर।
काजू पिस्ता बदाम ले,ओंटो रबड़ी खीर।।

*14 डा आर बी पटेल “अनजान”छतरपुर म प्र से लिखते हैं कि श्री राम को भी खीर का भोग पसंद है।
जन जन है यह मानता,सबसे पावन खीर ।
भूखे को संतृप्त कर,हर लेती है पीर ।।
हलुवा पूडी मेवा क,जबलग बने न खीर ।
तब तक फीके ये लगेभोग लगे रघुवीर ।।

*15 श्री एस आर सरल टीकमगढ़ कहते है कि खीर एक प्रसिद्ध बुंदेली व्यंजन है। बेहतरीन दोहे रचे है बधाई।
व्यंजन बुन्देली कई,उनमे से इक खीर।
खीर सभी को भात है, राजा रंक फकीर।।
हष्ट पुष्ट रहते सदा,होत बलिष्ट शरीर।
समझदार छोड़ें नही,हलुआ पूड़ी खीर।।
16 श्री भजन लाल लोधी फुटेर जिला टीकमगढ़ से दोहा तो बहुत बढ़िया लिखे है लेकिन बुंदेली में लिखे है जबकि आज हिन्दी में दोहा लेखन था। खैर कुछ नया लिखे तो है यही बहुत है। बधाई
दाख‌ चिरोंजी लायची,खांड खुरोऊ होय ।
तुमयीं तुमयीं ना लियौ,तनक‌ परस दो मोय।।
ई बुंदेली खीर की,कांलौ महिमा गांय ।
मानुष की तौ बात का, देवता तक ललचांय ।।
ईतरां से आज ई साहित्यक जज्ञ में 16 कटोरियों बहुत स्वादिष्ट खीर फरोसी गयी बहुत आनंद आ गया।
आज के सभी दोहाकारों का बहुत बहुत धन्यवाद आभार कि आपने बिसय पर नवसृजन कर बढ़िया दोहे रचे है।
जय बुंदेली,जय बुन्देलखण्ड,जय भारत
– राजीव नामदेव राना लिधौरी टीकमगढ़
एडमिन- जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़

Language: Hindi
Tag: लेख
453 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
View all
You may also like:
दोपहर जल रही है सड़कों पर
दोपहर जल रही है सड़कों पर
Shweta Soni
हाथ में कलम और मन में ख्याल
हाथ में कलम और मन में ख्याल
Sonu sugandh
आदमी का मानसिक तनाव  इग्नोर किया जाता हैं और उसको ज्यादा तवज
आदमी का मानसिक तनाव इग्नोर किया जाता हैं और उसको ज्यादा तवज
पूर्वार्थ
Irritable Bowel Syndrome
Irritable Bowel Syndrome
Tushar Jagawat
मुझको मिट्टी
मुझको मिट्टी
Dr fauzia Naseem shad
फादर्स डे
फादर्स डे
Dr. Pradeep Kumar Sharma
पिता
पिता
Dr.Priya Soni Khare
2599.पूर्णिका
2599.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
मैं मजदूर हूं
मैं मजदूर हूं
हरवंश हृदय
"प्रकृति की ओर लौटो"
Dr. Kishan tandon kranti
एक एक ईट जोड़कर मजदूर घर बनाता है
एक एक ईट जोड़कर मजदूर घर बनाता है
प्रेमदास वसु सुरेखा
पर्वतों से भी ऊॅ॑चा,बुलंद इरादा रखता हूॅ॑ मैं
पर्वतों से भी ऊॅ॑चा,बुलंद इरादा रखता हूॅ॑ मैं
VINOD CHAUHAN
सृजन के जन्मदिन पर
सृजन के जन्मदिन पर
Satish Srijan
'Here's the tale of Aadhik maas..' (A gold winning poem)
'Here's the tale of Aadhik maas..' (A gold winning poem)
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
श्रीमद्भगवद्‌गीता का सार
श्रीमद्भगवद्‌गीता का सार
Jyoti Khari
*वो बीता हुआ दौर नजर आता है*(जेल से)
*वो बीता हुआ दौर नजर आता है*(जेल से)
Dushyant Kumar
कविता: माँ मुझको किताब मंगा दो, मैं भी पढ़ने जाऊंगा।
कविता: माँ मुझको किताब मंगा दो, मैं भी पढ़ने जाऊंगा।
Rajesh Kumar Arjun
दोहा पंचक. . . . प्रेम
दोहा पंचक. . . . प्रेम
sushil sarna
* लोकतंत्र महान है *
* लोकतंत्र महान है *
surenderpal vaidya
" भुला दिया उस तस्वीर को "
Aarti sirsat
सत्याग्रह और उग्रता
सत्याग्रह और उग्रता
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
एक दिन आना ही होगा🌹🙏
एक दिन आना ही होगा🌹🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
नित तेरी पूजा करता मैं,
नित तेरी पूजा करता मैं,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
*हे शारदे मां*
*हे शारदे मां*
Dr. Priya Gupta
ये ढलती शाम है जो, रुमानी और होगी।
ये ढलती शाम है जो, रुमानी और होगी।
सत्य कुमार प्रेमी
ना मुराद फरीदाबाद
ना मुराद फरीदाबाद
ओनिका सेतिया 'अनु '
💐प्रेम कौतुक-552💐
💐प्रेम कौतुक-552💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
■ शर्मनाक सच्चाई….
■ शर्मनाक सच्चाई….
*Author प्रणय प्रभात*
आएंगे तो मोदी ही
आएंगे तो मोदी ही
Sanjay ' शून्य'
Loading...