समान नागरिक संहिता
समान नागरिक संहिता से ,
जाने क्यों कुछ लोगों को है आपत्ति ।
एकसार करना चाहते है हम ,
इसमें ना धर्म खतरे में पड़ा ,ना लूटी गई संपत्ति ।
यह कोई अनोखी बात तो नही की ,
हमारे संविधान में पहले से दर्ज़ है ।
यह न्याय की पुकार है ,यह वक्त की पुकार है ,
सारे भेदभाव मिटाना देश से
यही हर नागरिक का फर्ज है।
कुछ लोग है जो धर्म की आड़ में ,
औरतों और कमजोरों पर सितम ढाते है ।
अपने नौनिहालों को गलत शिक्षा देते है,
और बेजुबानों का व्यर्थ खून बहाते हैं।
समान नागरिक संहिता में सभी के अधिकार सुरक्षित है ।
शिक्षा प्राप्त करना और रोजगार प्राप्त करना।
भारत के हर नागरिक को स्वतंत्रता का अधिकार है ।
अधिकार सुरक्षित है बिना किसी भेद भाव के ,
मगर कर्तव्य भी सुरक्षित है सभी जन के लिए ।