“समाधान” #100 शब्दों की कहानी#
#100 शब्दों की कहानी#
” समाधान ”
बात उस समय की है, जब मैं एम. कॉम. कर रही थी, प्रिवीयस हो गया और फायनल होना था । अचानक ही मेरी दादी को स्वास्थ्य के चलते अस्पताल में भर्ती करने के कारण हम लोगों को इंदौर जाना पड़ गया, मुझे एम. कॉम. फायनल में नियमित प्रवेश के लिए हो गया विलंब ।
मैने मन ही मन सोचा प्राचार्या अनुमति देंगी या नहीं । पर एक प्रोफेसर ने सलाह दी कि प्राचार्या दिखने में जैसी सख्त हैं, असलियत में वैसी हैं ही नहीं बेटी , उनसे मिलो । उन्होंने अनुमति देकर किया समाधान, कभी-कभी आंखों को दिखनेवाली “बाहरी-सुंदरता-एक-धोखा-हो-सकती-है “।