Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 May 2020 · 1 min read

समाज से जुड़े रहना जरुरी

-: समाज से जुड़े रहना जरूरी :-

आप अपने समुदाय के बगैर
जिन्दा नहीं रह सकते हो
अगर रहने की करोगे तुम
कोशिश तो मर जाओगे उन दो
टीडीयों के जोड़े की तरह जो रह
गया अपने विशाल दल से पीछे

सुबह धूप होते ही आया था
पश्चिम की और से टीडीयों का
एक दल मंडरा गया आकाश में,
हरे भरे पेड़ो पर गिरकर
कर रहा था उनको अल्हड़
जैसे कभी उन पर आये ही
नहीं हो बसंत के कोमल पान
पीछे रह गई सिर्फ टहनियां

हुआ कुछ यूँ की टीडीयों के दल
से दो टीडीयां पीछे रह गई
गिर गई धूप मे सुलगने लग गई
बिठाया मैंने एक पेड़ की छाँव में
डाला पानी उनकी तपती देह पे
और बिठा दिया पेड़ के पत्तों पे

कुछ समय बाद कुछ चिड़ियों और
चींटियों ने उन दो टीडीयों पर हमला
किया पेड़ से निचे गिरा दिया वो
दोनों आकाश की तरफ देखने लगे
कहीं नहीं दिख रहा था उनका टीडी
समुदाय वो अपने समाज से बिछड़ गए

कुछ क्षण जीवित रहे दोनों बाद मे
पता नहीं दोनों क्यों अचानक मर गए
क्योंकि नहीं रह सकता कोई जिन्दा
अपने कबीले के बिना एकता कोई
बंधन नहीं ताक़त है अगर लगे
आपको अपने समाज से बिछड़ना
अच्छा तो बिछड़ के आजमाओ तुम

–भगवान सिंह चारण डीडवाना
(नागौर )

Language: Hindi
313 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हमारे बाद भी चलती रहेगी बहारें
हमारे बाद भी चलती रहेगी बहारें
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
"राहों की बाधाओं से ,
Neeraj kumar Soni
*किसकी है यह भूमि सब ,किसकी कोठी कार (कुंडलिया)*
*किसकी है यह भूमि सब ,किसकी कोठी कार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
दवाखाना  से अब कुछ भी नहीं होता मालिक....
दवाखाना से अब कुछ भी नहीं होता मालिक....
सिद्धार्थ गोरखपुरी
ये भी तो ग़मशनास होते हैं
ये भी तो ग़मशनास होते हैं
Shweta Soni
विद्यापति धाम
विद्यापति धाम
डॉ. श्री रमण 'श्रीपद्'
दुनिया की ज़िंदगी भी
दुनिया की ज़िंदगी भी
shabina. Naaz
गांव
गांव
Bodhisatva kastooriya
14) “जीवन में योग”
14) “जीवन में योग”
Sapna Arora
इश्क़ जब बेहिसाब होता है
इश्क़ जब बेहिसाब होता है
SHAMA PARVEEN
🙅प्राइवेसी के तक़ाज़े🙅
🙅प्राइवेसी के तक़ाज़े🙅
*प्रणय*
सरकारों के बस में होता हालतों को सुधारना तो अब तक की सरकारें
सरकारों के बस में होता हालतों को सुधारना तो अब तक की सरकारें
REVATI RAMAN PANDEY
जिंदगी गवाह हैं।
जिंदगी गवाह हैं।
Dr.sima
चंद दोहा
चंद दोहा
सतीश तिवारी 'सरस'
मुझे इश्क़ है
मुझे इश्क़ है
हिमांशु Kulshrestha
तथाकथित धार्मिक बोलबाला झूठ पर आधारित है
तथाकथित धार्मिक बोलबाला झूठ पर आधारित है
Mahender Singh
प्रकृति
प्रकृति
Sûrëkhâ
"" *गीता पढ़ें, पढ़ाएं और जीवन में लाएं* ""
सुनीलानंद महंत
" सोचो "
Dr. Kishan tandon kranti
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
अगर ना मिले सुकून कहीं तो ढूंढ लेना खुद मे,
अगर ना मिले सुकून कहीं तो ढूंढ लेना खुद मे,
Ranjeet kumar patre
आसमान ही खो गया,
आसमान ही खो गया,
sushil sarna
जिंदगी और जीवन तो कोरा कागज़ होता हैं।
जिंदगी और जीवन तो कोरा कागज़ होता हैं।
Neeraj Agarwal
इश्क दर्द से हो गई है, वफ़ा की कोशिश जारी है,
इश्क दर्द से हो गई है, वफ़ा की कोशिश जारी है,
Pramila sultan
यादें
यादें
Dinesh Kumar Gangwar
दोस्ती का एहसास
दोस्ती का एहसास
Dr fauzia Naseem shad
“दोस्त हो तो दोस्त बनो”
“दोस्त हो तो दोस्त बनो”
DrLakshman Jha Parimal
आओ मिलन के दीप जलाएं
आओ मिलन के दीप जलाएं
भगवती पारीक 'मनु'
मां सीता की अग्नि परीक्षा ( महिला दिवस)
मां सीता की अग्नि परीक्षा ( महिला दिवस)
Rj Anand Prajapati
रमेशराज के प्रेमपरक दोहे
रमेशराज के प्रेमपरक दोहे
कवि रमेशराज
Loading...