समस्या
तेरे मेरे मिलने की समस्या है।
सच प्रेम और चाहत रखते हैं ।
जीवन सच में बहुत समस्या है।
बस एक हम चाहत जो रखते हैं।
अपने से ज्यादा दूसरे की समस्या है।
खुशी हमारी कविता और रचना है।
रंगमंच में सच तो यही समस्या है।
जब तक हम तुम संग साथ रहते हैं।
अब तो जीवन ही समस्या के साथ हैं।
सच समस्या के बिना ज़िंदगी कहा हैं।
आओ समस्या से ही प्रेम चाहत करते हैं।
हां जीवन में खुशियां के साथ चलते हैं।
नीरज अग्रवाल चंदौसी उ.प्र