समस्या से समाधान तक
कोई भी समस्या से दूर जाने और उसे नज़रंदाज़ करने का मेरे मन में ख़याल इसलिए भी नहीं आता है क्योंकि मुझमें संघर्ष करने की क्षमता है।
मुझमें वो प्राथमिक अनुभव और जीवन की बारीकियाँ भी है,मुझमें वो प्रोत्साहन की कहानियां भी है जो मुझे उत्साहित करती है। मेरे अंतर्मन में एक दृढ़ संकल्प भी रहता है कि कोई भी समस्या हो मैं निजात पा लूंगा।
मेरे अंतर्मन में एक अभिलाषा भी होती है कि यह सबसे ज्यादा जरूरी है समयांतराल और पश्चात मुझे किन तजुर्बो में इजाफा होगा।मेरे मन मस्तिष्क में चल रहे विचारों के प्रवाह और विश्लेषण की तीव्रता से समस्या बहुत ही बौनी लगती है।
संघर्षवादी जीवन में समस्या का आना तय है इसलिए बुलंद हौसलों से हर समस्या का स्वागत करो।
समस्या का स्वागत करना जरूरी है क्योंकि यह हमें जीवन जीने की राह प्रदान करती है समस्याओं से ही हमें जीवन में सुख दुःख के रस का स्वाद मिलता है समस्या ही हमें जीवन के मूल्यों का एहसास कराती है।
समस्याएं ना हो तो हमें किसी बात की, वस्तु की , इंसान की वास्तविक पहचान नहीं हो सकती , हमारा जीवन अर्थहीन और नीरस हो जाएगा।
समस्याओं की आवश्यकता ही हमारे जीवन में, इस संसार में ,आविष्कार करवाती है वर्ना हम अनभिज्ञ ही बने रहते हैं। मैं समस्याओं को बड़ा इसलिए भी नहीं मानता क्योंकि समस्या समाधान के साथ पैदा होती है, शर्त यह होती है जब तक हमें समस्या समझ नहीं आती समस्या लगती है।जब पता लग जाए कि समस्या क्या है हम समाधान की ओर कार्यरत हो जाते हैं जब समाधान में हम पूरा योगदान लगा देते हैं तब एक समय आता है समस्या का नाम निशान मिट जाता है और समस्या को हम सफ़लता का रूप देते हैं और हम कह सकतें हैं कि समस्या से समाधान तक ही जीवन है।
शिव प्रताप लोधी