समस्या -संघर्ष – समाधान !!!
पाठकों सादर नमस्कार !
आज हम उपरोक्त वर्णित विषय पर चर्चा करते हैं। हम सब मनुष्य हैं समाज में जीवन जीते हैं। ईश्वर ने प्रकृति के निर्माण के साथ हर प्रकार की संरचना की है। हमने जब एक जीव के रूप में इस पृथ्वी पर जीवन पाया है तो इसमें घटने वाले घटनाक्रम को हमें देखना पड़ेगा समझना पड़ेगा महसूस करना पड़ेगा। विषय का प्रथम शीर्षक समस्या – परमात्मा ने हमें चेतना दी है सोच समझ दी है तो हमें सबसे पहले अपने जीवन में यह देखना होगा कि अपनी स्वयं की समस्या क्या है ?
जब तक हम अपनी समस्या समझ ही नहीं पाएंगे तो समस्या समस्या ही बनी रहे गी । वैसे तो मनुष्य पग पग पर अपनी समस्याएं समाज के सामने गिनाता रहता है ,भागता रहता है जो कि मेरी दृष्टि से उचित नहीं है । हां यदि हमें लगता है कि हमारी जो समस्या है उसका समाधान अमुक व्यक्ति कर सकता है तो हम उसी के संपर्क में आए ना कि समग्र समाज के सामने हमारी समस्याओं का दुखड़ा रोए ।
अपनी समस्या आपने पहचान ली अर्थात आपने अपने कर्म पर एक पग बढ़ा दिया।
अब आता है संघर्ष – हमारी समस्या के अनुरूप हमें उस संघर्ष को वास्तविक परिणीति में बदलना पड़ेगा जो कि हमारी समस्या को दूर करने में हमें मदद करेगा ।
संघर्ष के लिए हमें तन मन से समर्पित होना पड़ेगा हमें संघर्ष को अपने कर्म का आधार बनाना पड़ेगा जब तक हम संघर्ष को सामान्य रूप में लेंगे तो हमारी समस्या समस्या बनी रहेगी।
संघर्ष के लिए हमें हमारे सभी प्रकार के जो स्वभाव होंगे उन स्वभाव में परिवर्तन करना पड़ेगा रहन-सहन बदलना पड़ेगा आचार विचार बदलना पड़ेगा और जिस समस्या के प्रति हम संघर्ष कर रहे हैं उसे एक कर्मठता की भांति हमें अपनाना पड़ेगा।
अंतिम बात आती है समाधान की। सबसे पहले हमने समस्या को परखा संघर्ष में निखरे तभी तो हम समाधान की ओर बढ़ पाएंगे। अपनी समस्या का समाधान कुछ हद तक अपने ही हाथ में हैं।
वैसे तो मानवीय स्वभाव है जो कभी संतुष्ट नहीं होता परंतु हम जब तक इस सांसारिक जीवन को जी रहे हैं अपनी समस्या का हल खोजें संघर्ष के प्रति समर्पित रहे और समाधान पर पहुंच करके दूसरों के लिए एक आदर्श स्थापित करें तो निश्चित ही इस समाज में परिवर्तन आएगा। हर पाठक को यह लेख कहीं ना अपनी समस्या को खोजने संघर्ष को जीतने और समाधान पर पहुंचने के लिए प्रेरित करेगा ऐसा मेरा सोच है ।
तो आओ एक संकल्प लें – समस्या अपनी खोजेंगे संघर्ष में खुद को जोतेंगे और समाधान तक पहुंचेंगे । विजय हमारी निश्चित होगी ! – जय जीवन !!!!!
राजेश व्यास अनुनय