*समस्या एक जीवन में, नई हर रोज आती है (हिंदी गजल)*
समस्या एक जीवन में, नई हर रोज आती है (हिंदी गजल)
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1)
समस्या एक जीवन में, नई हर रोज आती है
नई तरकीब से हर बार, सुलझा बुद्धि पाती है
2)
कभी पगडंडियों की खोज, मानी श्रेष्ठ जाती है
कभी पदचिन्ह पर चलना, तपश्चर्या कहाती है
4)
वे जिनके पास कहने को, मधुर कुछ भी नहीं होता
बहस करने से बचते हैं, उन्हें गाली सुहाती है
4)
किसी ने फूलमाला से, पिता का चित्र ढक डाला
कोई संतान मुख पर से, कभी माला हटाती है
5)
सफर में भोजनालय खूब, अच्छे यों तो मिलते हैं
जो मॉं ने बॉंध कर दी थी, वही रोटी लुभाती है
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451