समसामयिक कुण्डलिया
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आतंकी हमले हुए, अपने मरे जवान,
देश व्यथित मन रो रहा, सरकारें दें ध्यान.
सरकारें दें ध्यान, समर्थक, बन बेचारे,
बहस करें ये धूर्त, बौद्धिक चोला धारे.
पहले इन पर वार, करें, करते नौटंकी.
मारें इनके बाद, खोज सारे आतंकी..
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–इंजी० अम्बरीष श्रीवास्तव ‘अम्बर’