समर्पण
✒️जीवन ?की पाठशाला ?️
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की बच्चे अगर अपने बचपन और जवानी में माँ बाप की बातों को गाँठ बाँध कर अगर उस समय किताबों के सामने समर्पण कर दें तो यकीन मानिये फिर पूरी जिंदगी उन्हें भटकना नहीं पड़ेगा -ना ही किसी के सामने सिर झुकाने की नौबत आएगी …,
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की इंसान कितना बेअकल है की अपने स्वार्थ -लालच को भी दलील देते हुए ईश्वर पर थोपना चाहता है …,
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की इतिहास गवाह है की आज तक अपने और परायों ने जब भी खंजर घोंपे हैं पीठ में ही घोंपे हैं क्यूंकि सीने पर वार करने के लिए बात में वजन और आँखों में सच्चाई होनी चाहिए…,
आखिर में एक ही बात समझ आई की हमारा गलत समय -हमारा स्पष्ट शत्रु हमारा इतना गलत नहीं कर पाता जितना गलत हमारा अनजाना भय और -नकारात्मक विचार करते हैं …!
बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गई की दूरी और मास्क ? है जरूरी ….सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ….!
?सुप्रभात ?
आपका दिन शुभ हो
विकास शर्मा'”शिवाया”
?जयपुर -राजस्थान ?