– समर्थक जिनके आज हो ताउम्र उनके उनके बने रहो –
– समर्थक जिनके आज हो ताउम्र उनके बने रहो –
पल – पल में गिरहिट की तरह न रंग बदलते रहो,
कूप के मेंठक की तरह न अपनी दुनिया में रहो,
सुनो सबकी कुछ अपना विवेक भी लगाया करो,
करके अपने मन की मिशाल तुम कायम करो,
कोई है नही अपना सब है स्वार्थी,
तठस्थ रहो हो आजीवन तठस्थ बने रहो,
बनो जिनके वफादारी निभाया करो और वफादार ताउम्र बने रहो,
समर्थक जिनके आज हो ताउम्र उनके बने रहो,
✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान