समय
समय
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समय का गर्भ नहीं होता।
गर्भ धरने से समय लेता है जन्म।
तब समय को गर्भ जन्मता है।
समय सिर्फ सृजन से सापेक्ष है।
बाकी समय में समय निरपेक्ष है।
मन और तन इसका शुन्य है।
किन्तु,जब हो तो सम्मान गुण्य है।
जीव के जीवन में समय, जन्म और मृत्यु।
किन्तु,जीवन के समय में कृति और कर्तव्य।
समय व्योम सा अपरिभाषित।
ब्रह्माण्ड सा आभासित।
जब ब्रह्माण्ड है तो समय है।
यही इसका परिचय है।
ईश्वर है समय की आध्यात्मिकता।
और
बुद्धिमान जन्तु इसकी वैज्ञानिकता।
समय शाश्वत है किन्तु,अप्रकट।
प्रत्येक कण में स्थित निष्कपट।
कण के प्रत्येक क्षण को समय ही जीता है।
समय नहीं है तो हर कण रीता है।
ब्रह्मांड दर ब्रह्माण्ड समय स्थिर है।
जड़,जीव के इकाई कण के स्पंदन से मापित
किसी गणित से निडर है।
केवल गति के चक्र से विभिन्न है ग्रहों में समय।
समीकरण खोजे व वैज्ञानिक बनाए इसे विषय।
समय सबका है।
किन्तु, किसीका नहीं है।
——————————–23/2/24