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18 Sep 2019 · 1 min read

समय 【मुक्तक】

मात्राभार – २८
विषय – समय
———————————————————
लगाकर पंख उड़ता है, समय क्या खूब चलता है।
समय संग जो नहीं चलते, वहीं फिर हाथ मलता है।
समय रुकता नहीं पथ में खड़ा हो रंक या राजा-
समय बर्बाद करना ही, हमे जीवन भर खलता है।।
#स्वरचित
✍️पं.संजीव शुक्ल ‘सचिन’

Language: Hindi
1 Like · 443 Views
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