Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Jan 2022 · 1 min read

** समय होत बलवान **

डा ० अरुण कुमार शास्त्री
एक अबोध बालक – अरुण अतृप्त

**मानो या न मानो**

आपकी नींद के लिए, आपका तकिया
सबसे प्रिय साथी है
आपकी भूख के लिए, आपका श्रम
सबसे प्रिय साथी है
आपकी शिक्षा के लिए, आपकी पुस्तक
सबसे प्रिय साथी है
आपके जन्म के लिए आपकी माँ
सबसे प्रिय साथी है
आपके भरण पोषण के लिए आपका पिता
सबसे प्रिय साथी है
आपकी इछाओं के लिए आपकी पत्नी
सबसे प्रिय साथी है
आपके परलोक के लिए, आपकी सन्तान
सबसे प्रिय साथी है

और इन सबके लिए सबसे महत्व पूर्ण

समय – यदि समय न हो तो ये सब बेकार हैं

Language: Hindi
231 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from DR ARUN KUMAR SHASTRI
View all
You may also like:
तंग अंग  देख कर मन मलंग हो गया
तंग अंग देख कर मन मलंग हो गया
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मंहगाई  को वश में जो शासक
मंहगाई को वश में जो शासक
DrLakshman Jha Parimal
दिमाग नहीं बस तकल्लुफ चाहिए
दिमाग नहीं बस तकल्लुफ चाहिए
Pankaj Sen
बात पते की कहती नानी।
बात पते की कहती नानी।
Vedha Singh
प्रेम की तलाश में सिला नही मिला
प्रेम की तलाश में सिला नही मिला
Er. Sanjay Shrivastava
ना मुराद फरीदाबाद
ना मुराद फरीदाबाद
ओनिका सेतिया 'अनु '
स्पर्श
स्पर्श
Ajay Mishra
अब न करेगे इश्क और न करेगे किसी की ग़ुलामी,
अब न करेगे इश्क और न करेगे किसी की ग़ुलामी,
Vishal babu (vishu)
दो शे' र
दो शे' र
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
अब तो रिहा कर दो अपने ख्यालों
अब तो रिहा कर दो अपने ख्यालों
शेखर सिंह
लम्हों की तितलियाँ
लम्हों की तितलियाँ
Karishma Shah
"इंसानियत"
Dr. Kishan tandon kranti
💐प्रेम कौतुक-489💐
💐प्रेम कौतुक-489💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मत गुजरा करो शहर की पगडंडियों से बेखौफ
मत गुजरा करो शहर की पगडंडियों से बेखौफ
Damini Narayan Singh
दोस्ती
दोस्ती
Mukesh Kumar Sonkar
होली औऱ ससुराल
होली औऱ ससुराल
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मिला जो इक दफा वो हर दफा मिलता नहीं यारों - डी के निवातिया
मिला जो इक दफा वो हर दफा मिलता नहीं यारों - डी के निवातिया
डी. के. निवातिया
बासी रोटी...... एक सच
बासी रोटी...... एक सच
Neeraj Agarwal
जला दो दीपक कर दो रौशनी
जला दो दीपक कर दो रौशनी
Sandeep Kumar
हाल मियां।
हाल मियां।
Acharya Rama Nand Mandal
हिंदी में सबसे बड़ा , बिंदी का है खेल (कुंडलिया)
हिंदी में सबसे बड़ा , बिंदी का है खेल (कुंडलिया)
Ravi Prakash
■ आज का मुक्तक
■ आज का मुक्तक
*Author प्रणय प्रभात*
हंसगति
हंसगति
डॉ.सीमा अग्रवाल
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
तारीख
तारीख
Dr. Seema Varma
चोर उचक्के बेईमान सब, सेवा करने आए
चोर उचक्के बेईमान सब, सेवा करने आए
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
उसे कमज़ोर नहीं कह सकते
उसे कमज़ोर नहीं कह सकते
Dr fauzia Naseem shad
शुभ् कामना मंगलकामनाएं
शुभ् कामना मंगलकामनाएं
Mahender Singh
और तुम कहते हो मुझसे
और तुम कहते हो मुझसे
gurudeenverma198
मिलना अगर प्रेम की शुरुवात है तो बिछड़ना प्रेम की पराकाष्ठा
मिलना अगर प्रेम की शुरुवात है तो बिछड़ना प्रेम की पराकाष्ठा
Sanjay ' शून्य'
Loading...