** समय होत बलवान **
डा ० अरुण कुमार शास्त्री
एक अबोध बालक – अरुण अतृप्त
**मानो या न मानो**
आपकी नींद के लिए, आपका तकिया
सबसे प्रिय साथी है
आपकी भूख के लिए, आपका श्रम
सबसे प्रिय साथी है
आपकी शिक्षा के लिए, आपकी पुस्तक
सबसे प्रिय साथी है
आपके जन्म के लिए आपकी माँ
सबसे प्रिय साथी है
आपके भरण पोषण के लिए आपका पिता
सबसे प्रिय साथी है
आपकी इछाओं के लिए आपकी पत्नी
सबसे प्रिय साथी है
आपके परलोक के लिए, आपकी सन्तान
सबसे प्रिय साथी है
और इन सबके लिए सबसे महत्व पूर्ण
समय – यदि समय न हो तो ये सब बेकार हैं