Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Sep 2024 · 1 min read

समय-सारणी की इतनी पाबंद है तूं

समय-सारणी की इतनी पाबंद है तूं
जिससे बदमाश भी तूं हो जाती है!
कार्य-प्रणाली में इतनी नियमबद्ध है तूं
प्रसन्नचित्त मुद्रा में ख़ास तूं हो जाती है!

…. अजित कर्ण ✍️

1 Like · 16 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
माँ तुम याद आती है
माँ तुम याद आती है
Pratibha Pandey
।। निरर्थक शिकायतें ।।
।। निरर्थक शिकायतें ।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
हम तुमको अपने दिल में यूँ रखते हैं
हम तुमको अपने दिल में यूँ रखते हैं
Shweta Soni
जिंदगी बहुत ही छोटी है मेरे दोस्त
जिंदगी बहुत ही छोटी है मेरे दोस्त
कृष्णकांत गुर्जर
घर और घर की याद
घर और घर की याद
डॉ० रोहित कौशिक
मंजिलें
मंजिलें
Santosh Shrivastava
यूं हाथ खाली थे मेरे, शहर में तेरे आते जाते,
यूं हाथ खाली थे मेरे, शहर में तेरे आते जाते,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
"बदनामियाँ"
Dr. Kishan tandon kranti
मन का जादू
मन का जादू
Otteri Selvakumar
माता - पिता राह में चलना सिखाते हैं
माता - पिता राह में चलना सिखाते हैं
Ajit Kumar "Karn"
4368.*पूर्णिका*
4368.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
“सत्य वचन”
“सत्य वचन”
Sandeep Kumar
विजया दशमी की हार्दिक बधाई शुभकामनाएं 🎉🙏
विजया दशमी की हार्दिक बधाई शुभकामनाएं 🎉🙏
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
वो तो है ही यहूद
वो तो है ही यहूद
shabina. Naaz
में इंसान हुँ इंसानियत की बात करता हूँ।
में इंसान हुँ इंसानियत की बात करता हूँ।
Anil chobisa
चाबी घर की हो या दिल की
चाबी घर की हो या दिल की
शेखर सिंह
हैं सितारे डरे-डरे फिर से - संदीप ठाकुर
हैं सितारे डरे-डरे फिर से - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
नीलामी हो गई अब इश्क़ के बाज़ार में मेरी ।
नीलामी हो गई अब इश्क़ के बाज़ार में मेरी ।
Phool gufran
टेढ़े-मेढ़े दांत वालीं
टेढ़े-मेढ़े दांत वालीं
The_dk_poetry
मुनाफ़िक़ दोस्त उतना ही ख़तरनाक है
मुनाफ़िक़ दोस्त उतना ही ख़तरनाक है
अंसार एटवी
🙅याद रखना🙅
🙅याद रखना🙅
*प्रणय प्रभात*
हमनें ख़ामोश
हमनें ख़ामोश
Dr fauzia Naseem shad
Har Ghar Tiranga : Har Man Tiranga
Har Ghar Tiranga : Har Man Tiranga
Tushar Jagawat
गगरी छलकी नैन की,
गगरी छलकी नैन की,
sushil sarna
पितरों का लें आशीष...!
पितरों का लें आशीष...!
मनोज कर्ण
*सपने जैसी जानिए, जीवन की हर बात (कुंडलिया)*
*सपने जैसी जानिए, जीवन की हर बात (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
♥️♥️ Dr. Arun Kumar shastri
♥️♥️ Dr. Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
तुम - दीपक नीलपदम्
तुम - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
कट्टर पंथ वो कोढ़ है जो अपने ही
कट्टर पंथ वो कोढ़ है जो अपने ही
Sonam Puneet Dubey
प्रीत तुझसे एैसी जुड़ी कि
प्रीत तुझसे एैसी जुड़ी कि
Seema gupta,Alwar
Loading...