समय साक्षी है!
देख रहा है
सब इतिहास
वही करेगा
अब इंसाफ़…
(१)
तुम क्या करते
आ रहे हो
सदियों से
हमारे साथ…
(२)
आख़िर हम हिंदू
हैं या नहीं
हमको बता दो
साफ-साफ…
(३)
साया भी हमारा
पड़ने से
हो जाते हो
तुम नापाक…
(४)
हमारा भी तो
है यह देश
दे दो हमें
ज़मीन-जायदाद…
(५)
हमें चाहिए
हमारा हक़
न तो भीख
न ही खैरात…
(६)
इंसानियत के
ख़ून से
रंगे हुए हैं
किसके हाथ…
(७)
आने वाली
नस्लें तुमको
नहीं करेंगी
हरगिज़ माफ़…
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Shekhar Chandra Mitra
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