समय भी दो थोड़ा
जीवन को जीवन सा
व्यतीत करो थोड़ा
सुख के साथ दुःख को
स्वीकार करो थोड़ा
अपने इच्छित कार्यो को
समय भी दो थोड़ा
अपने मन की इच्छाओं को
संतुष्ट करो थोड़ा
दुःखी, असहाय, निर्बल
का सम्मान करो थोड़ा
प्रेम, सहानुभूति का
व्यवहार करो थोड़ा
हर समस्या का होता है
निवारण अविकसित
अपनी सोच को
विकसित करो थोड़ा
जीवन को जीवन सा
व्यतीत करो थोड़ा ।
डॉ. फौज़िया नसीम शाद