समय भी कुछ तो कहता है
हर क्षण देखता रहता है
समय भी कुछ तो कहता है
कहता है मैं (समय) निकल रहा
हाथो से तेरे फिसल रहा
देख! पलट रहा है ना तू
ख़ुद से किये वादों से
देख! उलझ रहा न तू
बेकाम की बातों में
हां भटक रहा है तू विजयगमी राहों से
मान ले मेरा कहना !
मुझे न यू , बर्बाद कर
मैं समय हू !
बस तू मेरे साथ चल
बस तू मेरे साथ चल !
गर जो भी तुझपे हँसे
अभी तू उसे नज़र-अंदाज़ कर
अकेलेपन को अपना मित्र बना
अर्जुन की तरह लक्षय साफ रख
मंजिल को पाने का
सच्चे मन से तू प्रयास कर
थोड़ा सा धैर्य रख
दिन प्रतिदिन अभ्यास कर
अपनी कमियों को ढूढ़कर
दूर करने का प्रयास कर
मैं तेरा ही तो समय हूं
मुझे ऐसे न तो बर्बाद कर