समय गुजरतें… सिर्फ रह जाती हैं छबियाँ..
बदलाव प्रकृति का एक रूप अनेरा,
जो.. हमेशा चलता ही रहता…!
अलग अलग आकारों से रची,
अनेकानेक आकृतियाँ..!
समय गुजरतें…
सिर्फ रह जाती हैं छबियाँ..!
आज हैं जो.. कल शायद न भी हो यहाँ..!
ये तो हैं सच्चाई जो.. आता हैं.. वो जाता हैं..
हर एक सर्जन में होता हैं बदलाव यहाँ…!
लगातार ऐ चक्र धूमता ही रहता सदा
कौन उसे धूमता..
ये.. हैं.. सब से बड़ा राज जहाँ का..!!!!